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राजभवन का बड़ा फैसला! बिहार के विश्वविद्यालयों से संबद्ध 116 प्राइवेट कॉलेजों में प्राचार्यों की नियुक्ति पर तत्काल रोक। जानें कारण और आगे की प्रक्रिया। बिहार अलर्ट्स पर पूरी खबर।

राजभवन का बड़ा फैसला! बिहार के विश्वविद्यालयों से संबद्ध 116 प्राइवेट कॉलेजों में प्राचार्यों की नियुक्ति पर तत्काल रोक। जानें कारण और आगे की प्रक्रिया। बिहार अलर्ट्स पर पूरी खबर।

ब्रेकिंग! राजभवन ने बिहार के 116 प्राइवेट कॉलेजों में प्राचार्य नियुक्ति पर लगाई तत्काल रोक 🛑

ब्रेकिंग! राजभवन ने बिहार के 116 प्राइवेट कॉलेजों में प्राचार्य नियुक्ति पर लगाई तत्काल रोक 🛑

बिहार के विश्वविद्यालयों से संबद्ध प्राइवेट कॉलेजों में प्राचार्य की नियुक्ति को लेकर राजभवन ने एक बड़ा फैसला लिया है। राज्यपाल सचिवालय ने तत्काल प्रभाव से राज्य के 116 प्राइवेट कॉलेजों में प्राचार्यों की नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। यह निर्णय विश्वविद्यालयों में नियुक्ति प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं की शिकायतों के बाद लिया गया है। बिहार अलर्ट्स आपको इस महत्वपूर्ण खबर की विस्तृत जानकारी दे रहा है।

क्यों लगाई गई नियुक्ति पर रोक?

राजभवन को विश्वविद्यालयों से संबद्ध प्राइवेट कॉलेजों में प्राचार्यों की नियुक्ति को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थीं। इन शिकायतों में नियुक्ति प्रक्रिया में नियमों का पालन न करने और अनियमितताओं के आरोप लगाए गए थे। इसी को ध्यान में रखते हुए, कुलाधिपति सचिवालय ने तत्काल प्रभाव से 116 प्राइवेट कॉलेजों में प्राचार्यों की नियुक्ति पर रोक लगा दी है।

अगले आदेश तक नहीं होगी नियुक्ति:

राज्यपाल सचिवालय ने स्पष्ट कर दिया है कि इन 116 प्राइवेट कॉलेजों में प्राचार्यों की नियुक्ति अगले आदेश तक नहीं की जाएगी। विश्वविद्यालयों को भी इस संबंध में सख्त निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि वे अगले आदेश तक इन कॉलेजों में प्राचार्य की नियुक्ति की प्रक्रिया को स्थगित रखें।

किन कॉलेजों पर गिरी गाज?

राजभवन द्वारा रोकी गई 116 अंगीभूत कॉलेजों में विभिन्न विश्वविद्यालय और उनके अंतर्गत आने वाले कॉलेज शामिल हैं। इनमें प्रमुख रूप से पटना विश्वविद्यालय (19 कॉलेज), मगध विश्वविद्यालय (05 कॉलेज), ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (10 कॉलेज), बी.आर.ए. बिहार विश्वविद्यालय (11 कॉलेज), तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (03 कॉलेज), वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय (09 कॉलेज), जय प्रकाश विश्वविद्यालय (04 कॉलेज), भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय (22 कॉलेज), कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय (13 कॉलेज), पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय (07 कॉलेज) और पूर्णिया विश्वविद्यालय (08 कॉलेज) के कॉलेज शामिल हैं।

आगे क्या होगा?

राजभवन अब इन शिकायतों की जांच करेगा और उसके बाद ही आगे की प्रक्रिया निर्धारित की जाएगी। माना जा रहा है कि कुलाधिपति कार्यालय नियुक्ति प्रक्रिया को पारदर्शी और नियम संगत बनाने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी कर सकता है।

पीपीयू के प्रभारी वीसी पर भी सवाल:

पटना विश्वविद्यालय (पीपीयू) के प्रभारी कुलपति प्रोफेसर सुरेन्द्र कुमार सिन्हा भी इस मामले में घेरे में हैं। राजभवन ने उनकी कार्यशैली पर भी सवाल उठाए हैं। बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम की धारा 35 (4) के तहत, बिहार सरकार ने प्रोफेसर सिन्हा को पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति का अतिरिक्त प्रभार सौंपा था। राजभवन ने इस नियुक्ति पर भी आपत्ति जताई है।

राजभवन के इस बड़े फैसले से बिहार के उच्च शिक्षा जगत में हलचल मच गई है। अब देखना यह होगा कि आगे इस मामले में क्या कार्रवाई होती है और कब इन कॉलेजों में प्राचार्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया फिर से शुरू हो पाती है। बिहार अलर्ट्स आपको इस खबर से जुड़े हर अपडेट से अवगत कराता रहेगा।

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