बेगूसराय, बिहार: बिहार की सियासत में आज एक नई हलचल देखने को मिली जब कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बेगूसराय में “Palayan Roko, Naukari Do” नाम की पदयात्रा का आगाज किया। इस पदयात्रा में हजारों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी और जोश से भरे नारे गूंजने लगे।
यात्रा का मुख्य उद्देश्य था:
बेरोजगारी पर सवाल उठाना
बिहार से हो रहे पलायन को रोकना
स्थानीय युवाओं के लिए रोज़गार और अवसर की मांग करना
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2 KM लंबी यात्रा, जो बन गई एक आंदोलन
राहुल गांधी के साथ इस यात्रा में शामिल हुए:
कन्हैया कुमार, कांग्रेस नेता व पूर्व जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष
बिहार कांग्रेस के तमाम वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता
यात्रा के दौरान सड़कों पर 2 किलोमीटर तक लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। जगह-जगह कांग्रेस के झंडे, बैनर और जोशीले नारे सुनने को मिले —
> "नौकरी दो, पलायन रोको!"
"बिहार के नौजवानों को हक चाहिए!"
यात्रा का संदेश और मकसद
इस पदयात्रा से राहुल गांधी ने ये स्पष्ट संदेश देने की कोशिश की कि—
बिहार जैसे राज्य से हो रहे युवाओं के पलायन को रोकना अब ज़रूरी है
राज्य में स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ाए जाने चाहिए
सरकारी भर्तियों में पारदर्शिता और तेज़ी लाई जानी चाहिए
कन्हैया कुमार ने कहा,
> "बिहार के नौजवान सिर्फ सपनों के लिए दिल्ली या मुंबई नहीं जाना चाहते, उन्हें उनके अपने राज्य में भी सम्मानजनक नौकरी मिलनी चाहिए।"
राजनीतिक दृष्टिकोण से क्या मायने रखती है ये यात्रा?
बिहार में इस वर्ष चुनावी माहौल बनने लगा है। ऐसे में यह पदयात्रा:
कांग्रेस को युवाओं से जोड़ने की एक रणनीति हो सकती है
कन्हैया कुमार के ज़रिए कांग्रेस बिहार की जमीनी राजनीति में पकड़ मज़बूत करना चाहती है
और राहुल गांधी इस यात्रा के ज़रिए यह संदेश देना चाहते हैं कि कांग्रेस युवाओं के मुद्दों पर गंभीर है