📑 विश्वविद्यालयों को छह वर्षों की फंडिंग का देना होगा पूरा हिसाब
राज्य के शिक्षा विभाग ने पारंपरिक विश्वविद्यालयों से 2019-20 से 2024-25 तक दी गई राशि का पूरा लेखा-जोखा मांगा है। अब तक अधिकतर विश्वविद्यालयों ने खर्च का प्रमाणपत्र विभाग को नहीं सौंपा है।
🔍 6 साल में खर्च हुए अरबों रुपये का उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं
विभाग ने वित्तीय अनियमितताओं को रोकने के लिए विश्वविद्यालयों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि:
- हर वित्तीय वर्ष की राशि का उपयोगिता प्रमाणपत्र देना अनिवार्य होगा।
- प्रमाण न देने वाले विश्वविद्यालयों पर कार्रवाई की जाएगी।
- प्राप्त फंड से किए गए कार्यों की निगरानी और मूल्यांकन भी होगा।
🏛️ राजभवन ने मांगी प्रोफेसरों की जानकारी
राज्यपाल के निर्देश पर सभी विश्वविद्यालयों से एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसर के नामों की सूची मांगी गई है।
सूची में मांगी गई जानकारी:
- पद का नाम
- नियुक्ति की तिथि
- कार्यकाल की समाप्ति तिथि
- प्रोन्नति की तिथि
📅 अंतिम तिथि 25 जुलाई
राजभवन ने सभी विवि को 25 जुलाई तक ई-मेल से रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। इसमें यह स्पष्ट किया गया है कि:
- यदि कोई जानकारी छूटती है तो संबंधित कुलपति को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
- उच्च शिक्षण संस्थानों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने का यह कदम है।