रामचरितमानस अब बिहार संस्कृत बोर्ड के पाठ्यक्रम में शामिल
पटना: बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए रामचरितमानस को अपने पाठ्यक्रम में शामिल करने की घोषणा की है। अब माध्यमा (कक्षा 10) की परीक्षा में रामचरितमानस से भी प्रश्न पूछे जाएंगे।
📘 कब और कैसे लिया गया निर्णय?
यह निर्णय पाठ्यक्रम समिति की बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता सचिव नरेश कुमार ने की। बैठक में पाठ्यक्रम को नया स्वरूप देने पर चर्चा हुई और छह सदस्यीय टीम
🗓️ किसने की समिति बैठक की अध्यक्षता?
समिति की बैठक 11 और 12 जुलाईअरुण कुमार झा
📌 शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप बदलाव
- संशोधन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आधार पर किया जा रहा है।
- आधुनिक और व्यावसायिक विषयों को भी पाठ्यक्रम में स्थान मिलेगा।
- पाठ्यक्रम को रोजगारपरक और व्यावहारिक बनाने पर बल दिया गया है।
🧠 छात्रों को कैसे होगा लाभ?
रामचरितमानस न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि छात्रों में नैतिक मूल्यों और भाषा ज्ञान को भी मजबूत करेगा।
🔍 निष्कर्ष
संस्कृत बोर्ड द्वारा रामचरितमानस को पाठ्यक्रम में शामिल करना एक सांस्कृतिक पुनर्जागरण की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। यह छात्रों को अपनी जड़ों से जोड़ने में मदद करेगा, साथ ही परीक्षा प्रणाली में भी नया आयाम जोड़ेगा।
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