मेडिकल कॉलेजों में अब 30% गैर-चिकित्सक शिक्षक की नियुक्ति को मिली मंजूरी
नई दिल्ली: मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों की भारी कमी को देखते हुए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने एक बड़ा फैसला लिया है। अब पांच प्रमुख विभागों में 30% तक गैर-चिकित्सक शिक्षक (Non-Medical Teachers) की नियुक्ति की जा सकेगी।
📘 किन विषयों में लागू होगा नया नियम?
- एनाटॉमी (Anatomy)
- फिजियोलॉजी (Physiology)
- बायोकैमिस्ट्री (Biochemistry)
- माइक्रोबायोलॉजी (Microbiology)
- फार्माकोलॉजी (Pharmacology)
🔍 पहले 15% थी अनुमति, अब 30% तक
पहले सिर्फ तीन विभागों में 15% गैर-चिकित्सक शिक्षकों की नियुक्ति की अनुमति थी। अब यह सीमा बढ़ाकर पांच विभागों के लिए 30% कर दी गई है।
🏥 क्यों उठाया गया यह कदम?
देशभर में लगभग 780 मेडिकल कॉलेज हैं, जहां शिक्षकों की भारी कमी है। खासकर एमबीबीएस शिक्षक मिलना मुश्किल हो गया है।
⚠️ क्या हो सकती हैं चुनौतियाँ?
विशेषज्ञों का मानना है कि मेडिकल एजुकेशन की गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है, लेकिन यह फैसला शिक्षकों की कमी को देखते हुए जरूरी भी है।
📌 असिस्टेंट प्रोफेसर पदों की स्थिति
बिहार में एमरजेंसी मेडिसिन विभाग में 72 पदों के लिए सिर्फ 4 आवेदन आए हैं। इससे शिक्षा व्यवस्था की हालत का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
निष्कर्ष: यह निर्णय मेडिकल एजुकेशन के भविष्य को प्रभावित कर सकता है। जरूरी है कि गुणवत्ता के साथ समझौता न हो और छात्रों को अच्छा गाइडेंस मिले।