बिहार के मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में बंद हुई टेलीमेडिसिन सेवा
पटना: कोरोना काल में राज्य के मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में शुरू हुई टेलीमेडिसिन सेवा अब पूरी तरह से बंद हो गई है। मरीजों को अब डॉक्टरों से ऑनलाइन सलाह नहीं मिल पा रही है, जिससे खासकर दूर-दराज़ के लोगों को गंभीर परेशानी हो रही है।
📉 क्यों बंद हुई सेवा?
- कोरोना के समय टेलीमेडिसिन को बढ़ावा दिया गया था
- SMS, IGIMS जैसे बड़े अस्पतालों में यह सुविधा शुरू हुई थी
- अब न वेबसाइट पर नंबर एक्टिव हैं, न डॉक्टर ऑनलाइन
🚨 मरीजों को हो रही है कठिनाई
मानसिक रोगों, शारीरिक जांचों और पोस्ट कोविड के मरीजों को टेली काउंसलिंग से राहत मिलती थी। लेकिन अब यह व्यवस्था पूरी तरह ठप है।
🏥 टेलीमेडिसिन से क्या फायदे थे?
- गांव और कस्बों में बैठे मरीजों को विशेषज्ञ डॉक्टरों से सलाह
- बुज़ुर्ग और दिव्यांग मरीजों के लिए सहूलियत
- महिलाओं के लिए सुरक्षित स्वास्थ्य परामर्श
🧾 सरकार की चुप्पी
राज्य सरकार की तरफ से टेलीमेडिसिन के स्थायी संचालन को लेकर कोई स्पष्ट गाइडलाइन नहीं दी गई है।
📢 निष्कर्ष
दूर-दराज़ के लाखों मरीजों के लिए टेलीमेडिसिन एक जीवनरेखा साबित हो सकती थी। सरकार को चाहिए कि इस सुविधा को जल्द से जल्द दोबारा शुरू किया जाए।
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